सच की कलम और समाज की लड़ाई : मेरी पत्रकारिता की यात्रा”“खाद संकट से उठी आवाज़ : एक पत्रकार की आपबीती”“१८ साल की पत्रकारिता और अकेली जंग”“जब कलम बनी किसानों की आवाज़”“सत्य के रास्ते पर, बदनामी का बोझ”“खेत, खाद और पत्रकारिता : सच बोलने की सज़ा”“समाज के लिए लड़ता एक अकेला पत्रकार”
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